परिचय

 आधारभूत योग 

परिचय -  

योग विद्या भारतवर्ष की एक अमूल्य सम्पत्ति  है। योग वस्तुतः समस्त मोक्ष साधनाओं में से सर्वोत्तम तथा श्रेष्ठतम साधन पद्धति है। इसी योग साधना का अवलम्बन करके कितने ही योगी, यति तथा महान् साधक गण उत्तम योग स्थिति को प्राप्त करके जीवन काल में ही जीवन मुक्त अवस्था को प्राप्त हो गये। इसकी कोई गिनती नहीं।
योग की दृष्टि के द्वारा ही सृष्टि और अतिसृष्टि के गूढ़तम रहस्यों का प्रत्यक्ष दर्शन किया जाता है। दिव्य दर्शन, अतीन्द्रिय दर्शन, तत्वदर्शन, आत्मदर्शन तथा ब्रह्मसाक्षात्कार आदि भी इसी योग साधना के द्वारा ही होते हैं। इसलिये याज्ञवल्क्य स्मृति में भी कहा गया है- ‘‘अयं तुु परमो धर्मो यत्योगेनात्म दर्शनम्’’ अर्थात् जिस योग साधना के द्वारा आत्मदर्शन तथा ब्रह्मसाक्षात्कार हो वही मानव मात्र का परम धर्म है।
योग में मनुष्य मात्र के समग्र उत्थान, विकास एवं उत्कर्ष के अनेकानेक उपाय, प्रयोग सुनियोजित हैं। यह आत्म शक्तियों को जागृत कर व्यक्तित्व के परम शिखर पर पहुँचने का साधन है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि योग एक जीवन दर्शन है, श्रेष्ठ जीवन पद्धति है, योग वस्तुतः जीवन जीने की सर्वश्रेष्ठ कला है।


Post a Comment